चुनाव आयोग प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज करे:कंप्यूटर बाबा

Register for case of treason against Pradhan Thakur: Computer Baba

News Agency : महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने के बाद प्रज्ञा ठाकुर बुरी तरह फंस गई हैं। जहां एक तरफ उनके बयान से पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व नाराज है। वहीं दूसरी तरफ वो इस बयान को लेकर विपक्ष के निशाने पर भी आ गई हैं। उनके अपने बयान के लिए माफी मांगने के बावजूद उनके खिलाफ विरोध की आवाजें लगातार उठ रही हैं।

कंप्यूटर बाबा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वो नाथूराम गोडसे और हेमंत करकरे के बारे में विवादित बयान देने के लिए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर केस दर्ज करे। कंप्यूटर बाबा ने बीजेपी और चुनाव आयोग को निशाने पर लेते हुए कहा कि जिस तरह चुनाव आयोग ने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उसी तरह वो प्रज्ञा ठाकुर पर भी केस दर्ज करे। उन्होंने कहा कि प्रज्ञा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को शहीद का दर्जा दिया जो कि एक देशद्रोह है।

इसके अलावा उन्होंने शहीद हेमंत करकरे को भी उन्हें अपने बयानों की वजह से अपमानित किया है। आयोग को दोनों मामलों में ठाकुर पर केस दर्ज करना चाहिए। कंप्यूटर बाबा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर आयोग ने उनके खिलाफ केस वापस नहीं लिया तो वो लाखों संतो के साथ मिलकर दिल्ली में आंदोलन करेंगे।

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने साल 2014 के आम चुनावों में राम मंदिर के निर्माण का वादा किया था। लेकिन उन्होंने आज तक कुछ नहीं किया। बीजेपी संतों को मुर्ख बनाती आई है और पूरा संत समाज उससे नाराज है। भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने गुरुवार को कहा था कि नाथूराम गोडसे एक देशभक्त था, एक देशभक्त है और वह देशभक्त रहेगा। लोग उसे आतंकी कहते हैं। इसके बजाय भीतर देखना चाहिए, ऐसे लोगों को चुनाव में उचित जवाब दिया जाएगा।

हालांकि हालांकि विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने गुरुवार रात को ही अपने बयान के लिए माफी मांगी थी। प्रज्ञा ने ट्वीट कर कहा कि मेरा बयान बिल्कुल गलत था। मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बेहद सम्मान करती हूं। महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख रहते हुए हेमंत करकरे ने मालेगांव ब्लास्ट के सिलसिले में साध्वी प्रज्ञा की भूमिका की जांच की थी। प्रज्ञा ने कहा कि जांच एंजेंसी ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि अगर आपके पास सबूत नहीं है तो उसे छोड़ दो। इस पर उन्होंने कहा कि मैं उसके(साध्वी प्रज्ञा) खिलाफ सबूत हासिल करने के लिए कुछ भी करूंगा। मैं उसे जाने नहीं दूंगा।

उन्होंने हेंमत करकरे को लेकर कहा कि ये उसकी कुटिलता थी। वह राष्ट्रविरोधी था, धर्म विरोधी था। आप विश्वास नहीं करोगे,लेकिन मैंने कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा। इसके सवा महीने बाद ही आतंकियों ने उसे मार डाला। उन्होंने आगे कहा कि जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ।

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